देहरादून: आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव, विनोद कुमार सुमन ने प्रदेश में संचालित सभी बांध परियोजनाओं के अधिकारियों को पानी छोड़ने से पहले इसकी सूचना राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के साथ ही संबंधित जिला प्रशासन को अनिवार्य रूप से देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट करने को कहा कि छोड़ा गया पानी कितने समय में किन क्षेत्रों तक पहुंचेगा और वहां क्या प्रभाव हो सकता है, ताकि आमजन को समय से सतर्क किया जा सके। विनोद कुमार सुमन, सचिवालय में प्रदेश की सभी प्रमुख जल विद्युत परियोजनाओं, सिंचाई विभाग, उत्तराखंड जल विद्युत निगम और केन्द्रीय जल आयोग के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। उन्होंने पूर्व चेतावनी तंत्र के अंतर्गत लगे सेंसरों द्वारा प्राप्त नदी जलस्तर और डिस्चार्ज डेटा को एपीआई के माध्यम से रियल टाइम में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ साझा करने के निर्देश दिए, ताकि राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के माध्यम से जलस्तर की निगरानी की जा सके। बैठक में सभी एजेंसियों को निर्देशित किया गया कि वे अपनी परियोजनाओं के लिए आपातकालीन कार्य योजना और मानक संचालन प्रक्रिया शीघ्र तैयार कर प्राधिकरण के साथ साझा करें तथा उसे अपनी वेबसाइट पर भी प्रदर्शित करें।
उत्तराखंड: बांध परियोजनाओं को बताना होगा, पानी छोड़ने का प्रभाव कितना होगा

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया TRUTH WATCH INDIA के Facebook पेज को Like व Twitter पर Follow करना न भूलें...